नमस्कार दोस्तों! मैं राहुल एक बार फिर से स्वागत करता हूं आपका अपने ब्लॉग पर. दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मैं बात करने वाला हूं भारत के राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त के जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं उनकी रचनाओं के बारे में..
जीवन परिचय- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त भारतीय संस्कृति के अमर गायक हैं| उनके व्यक्तित्व और कृतित्व में राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना का पवित्र आदर्श मिलता है| इनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय जन जागरण के स्वर सुनाई पड़ते हैं| इनकी सेवाओं के लिए महात्मा गांधी ने इनको 'राष्ट्रकवि' की उपाधि से सम्मानित किया और राष्ट्रपति ने इनको संसद सदस्य भी मनोनीत किया |
जीवन परिचय- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त भारतीय संस्कृति के अमर गायक हैं| उनके व्यक्तित्व और कृतित्व में राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना का पवित्र आदर्श मिलता है| इनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय जन जागरण के स्वर सुनाई पड़ते हैं| इनकी सेवाओं के लिए महात्मा गांधी ने इनको 'राष्ट्रकवि' की उपाधि से सम्मानित किया और राष्ट्रपति ने इनको संसद सदस्य भी मनोनीत किया |
गुप्त जी का जन्म झांसी जिला के चिरगांव में सन 1886 ईस्वी को हुआ| इनके पिता सेठ रामचरण जी भी एक श्रेष्ठ कवि थे | प्रारंभिक शिक्षा के बाद स्वाध्याय से ही इन्होंने ज्ञान प्राप्त किया|बाद में यह आचार्यय महावीर प्रसाद द्विवेदी के संपर्क में आए|महात्मा गांधी के साथ स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया और जेल यात्रा की|साहित्यिक उपलब्धियों के कारण इन्हें आगरा और इलाहाबाद के विश्वविद्यालयों ने डी लिट् की मानद उपाधि दी| साकेत महाकाव्य की रचनाओं पर इनको मंगला प्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ| इनका देहांत सन 1964 ईस्वी में हुआ |
रचनाएँ- साकेत, यशोधरा ,द्वापर ,भारत -भारती, जय भारत, पंचवटी ,झंकार ,जयद्रथ वध , त्रिपथगा ,नहुष, कुणाल गीत ,काबा और कर्बला,विश्व वेदना ,विष्णुप्रिया |
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